नालंदा(BIHARTV24) - औंगारी धाम:
जिले के एकंगरसराय प्रखंड मुख्यालय से तीन किमी दूर है कि द्वापरकालीन सूर्योपासना का केन्द्र औंगारी धाम। यहां का सूर्य मंदिर अनूठा है। शायद यह देश का इकलौता सूर्य मंदिर है, जिसका दरवाजा पश्चिम की ओर है। भगवान श्रीकृष्ण के पौत्र राजा शाम्ब ने कुष्ठ रोग से निजात पाने के लिए यहां भी पूजा की थी। राजा ने ही यहां के सूर्य मंदिर तालाब का निर्माण कराया था।
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औंगारीधाम ट्रस्ट के अध्यक्ष राम भूषण दयाल कहते हैं कि सूर्यनगरी से कई पौराणिक कथाएं जुड़ी हैं। भगवान श्रीकृष्ण के पौत्र राजा शाम्ब ने यहां पूजा-अर्चना की थी। आज भी यहां के ऐतिहासक तालाब में स्नान करने से कुष्ठ रोग से निजात मिलती है। मान्यता है कि इसी रास्ते से एक बारात जा रही थी। कुछ बारातियों ने कहा कि अगर भगवान में शक्ति है तो मंदिर का दरवाजा पूरब से पश्चिम की ओर हो जाए। इतना कहते ही पूरब से दरवाजा पश्चिम की ओर हो गया, जो आजतक है। औंगारी धाम सूर्य मंदिर देश के 12 अर्कों में शामिल है। यहां अर्घ्य देने से श्रद्धालुओं को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। निर्धन को धन तो नि:संतान को संतान की प्राप्ति होती ही। आज भी छठ के मौके पर देश के कोने-कोने से यहां श्रद्धालु अर्घ्य देने पहुंचते हैं।
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