सम्मेलन में देश विदेश के कई विद्वान और स्कॉलर शामिल हुए हैं । उपराष्टपति के आगमन को लेकर जिला प्रशासन हाई अलर्ट पर है। उनके द्वारा थ्री लेयर में सुरक्षा का पुख्ता इंतेजाम किया गया था। नालंदा विश्वविद्यालय कैम्पस में कार्यक्रम स्थल के पास संचार कक्ष की स्थापना की गयी है। इसमें संचार के तमाम अति आधुनिक उपकरण रखे गये हैं। हॉटलाइन, एसटीडी, आईएसडी, इंटरनेट, दो प्रिंटर, फैक्स और वायरलेस सेट रखे गये हैं।
कुलपति प्रोफेसर सुनैना सिंह ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में विभिन्न देशों के 200 से अधिक प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं। सम्मेलन द्वारा शिक्षा जगत के बुद्धिजीवियों, प्रमुख राजनेताओं और भारत व विदेश के धार्मिक राजनेताओं को एक साझा मंच देगा।इंडिया फाउंडेशन के सहयोग से तीन दिवसीय सम्मेलन नौ नवम्बर तक चलेगा।
सम्मेलन में इन विषयों पर होगी चर्चा
सम्मेलन में धर्म-धम्म परपराएं लोगों की जीवन शैली सुधारने और महामारी के विनाशकारी प्रभाव से उबरने में अहम भूमिका निभायेगी। मानव और प्रकृति के सामंजस्यपूर्ण को ध्यान में रखते हुए कोविड के बाद खुशहाल और स्वस्थ दुनिया बनाने में बड़ी भूमिका निभायेगी। सम्मेलन में स्वास्थ्य, मानव कल्याण, जलवायु परिवर्तन और सामाजिक सद्भाव से संबंधित अन्य विषयों पर भी विचार-विमर्श होगा। विश्वविद्यालय में इस समय 30 से अधिक देशों के छात्र पढ़ रहे हैं।
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