आगामी 17 और 18 जनवरी 2022 को नालन्दा कॉलेज का इतिहास विभाग और इतिहास संकलन समिति, बिहार संयुक्त तत्वावधान में “भारतीय इतिहास में नारी एवं पर्यावरण आंदोलन: एक दृष्टि” विषय पर राष्ट्रीय सेमिनार आयोजित करने जा रही है। सेमिनार का प्रायोजक भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के अधीन काम करने वाली भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के द्वारा किया जा रहा है। राष्ट्रीय सेमिनार को सफल एवं सुचारु बनाने के लिए नालन्दा कॉलेज में गुरुवार को एक बैठक आयोजित की गई। सेमिनार के समन्वयक इतिहास विभाग के अध्यक्ष डॉ रत्नेश अमन ने बताया की नालन्दा के लिए यह गौरव का विषय है की नालन्दा कॉलेज को राष्ट्रीय सेमिनार आयोजित करने का अवसर प्राप्त हुआ है। इस सेमिनार में पूरे देश के अलग अलग संस्थानों से 250 शोध पत्र प्राप्त होने की सम्भावना है। पूरा सेमिनार बेहतर तरीक़े से आयोजित हो इसके लिए सभी समितियों का गठन कर लिया गया है जिसमें शिक्षकों के साथ साथ छात्रों को भी वोलंटियर्स के तौर पर रखा गया है। सेमिनार के सह समन्वयक एवं राजनीति विज्ञान के अध्यक्ष डॉ बिनीत लाल ने कहा की संस्थानों में मुद्दों पर विमर्श हो इसके लिए इस तरह के सेमिनार आयोजित कर शिक्षकों एवं छात्रों को अधिक सक्रिय करने की कोशिश की जाती है। नालन्दा कॉलेज ज़िले का एकमात्र नैक मान्यता प्राप्त कॉलेज है और इस तरह का राष्ट्रीय सेमिनार से निश्चित रूप से आगामी ग्रेडिंग में सुधार आएगा। इसके अलावे 200 से अधिक राष्ट्रीय स्तर के विद्वान और शोधार्थी के आने से जिले की शैक्षणिक गतिविधियों में सकारात्मक बदलाव आएगा। सेमिनार के अध्यक्ष और प्राचार्य डॉ रामकृष्ण परमहंस ने कहा की इस सेमिनार के आयोजन में हमारे शिक्षकों एवं छात्रों की भूमिका अहम रहेगी। सेमिनार का विषय समसामयिक होने के कारण प्रबुद्ध जनों में इसकी उत्सुकता देखी जा रही है इसलिए आज़ादी के अमृत महोत्सव और कॉलेज के 150 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित होने वाले इस सेमिनार के लिए कॉलेज प्रशासन हर तरह की तैयारी कर रहा है।
इतिहास संकलन समिति बिहार प्रदेश के अध्यक्ष डॉ राजीव रंजन ने कहा की यह सम्भवतः कोरोना काल आने के बाद प्रदेश में पहला ऑफ़्लाइन राष्ट्रीय सेमिनार होगा। उन्होंने कहा की इसमें एक स्मारिका भी निकाली जाएगी जिसके लिए राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री सहित सभी गणमान्य व्यक्तियों को संदेश भेजने के लिए पत्र लिखा जा चुका है साथ ही साथ सभी संक्षिप्त शोध आलेखों को इसमें प्रकाशित किया जाएगा। अच्छे शोध पत्रों को एक पुस्तक के रूप में भी प्रकाशित कराए जाने की योजना है। वक्ता के रूप में गणमान्य लोगों में अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना के राष्ट्रीय संगठन मंत्री डॉ बालमुकुंद पाण्डेय, नव नालंदा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो बैद्यनाथ लाभ, भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद के निदेशक डॉ ओमजी उपाध्याय सहित अनेक विश्वविद्यालयों के कुलपति एवं विद्वतजन शामिल होंगे। बैठक में सेमिनार में सह समन्वयक डॉ हेगोयल, प्रो आरपी कछवे, डॉ श्याम सुंदर प्रसाद, डॉ प्रभाष कुमार, डॉ भावना, डॉ राजेश कुमार, डॉ जितेंद्र कुमार, डॉ पिंकी कुमारी सहित सभी शिक्षक मौजूद थे जिन्होंने अनेक विषयों पर अपनी बात रखी।