अस्थावां में शीतलहर ने गिराया तापमान, आग तापते दिखे लोग
मो० हमजा अस्थानवी की रिपोर्ट
नालन्दा : जिले में शीतलहर का प्रकोप बढ़ गया है। कड़ाके की ठंड में भी प्रशासन के अलाव कही नजर नही आ रहे है, जबकि अब केवल सर्दी भगानें के लिए लोगो को आग का ही सहारा लेना पड़ रहा है।जिला प्रशासन के द्वारा कड़ाके की ठंड को देखते हुए कस्बों में चौराहों पर अलाव जलाने के निर्देश दिये गये है। लेकिन प्रशासन के अलाव कही नजर नही आ रहे है। पिछले तीन दिनों से शाम ढलते ही कोहरे के कारण जहां वाहनों की रफ्तार थम जाती है। वहीं आम लोग आग सेंकते नजर आते हैं। वहीं नालन्दा जिले के अस्थावां में जनवरी माह के शुरुआती के पहले ही दिन जहां मौसम करवट लेते ठंडा का अहसास दिला रहा था वहीं बीते चार दिन से चल रही पछिया हवा व दिन भर घने कोहरे में छुपा सूरज। ऐसे में ठंड तो बढ़नी थी।अब लोगों को कनकनी वाली जाड़ा का सामना करना पर रहा है । अब लोगों को गुलाबी ठंड से ऊपर का अहसास हो रहा है। तापमान में लगातार गिरावट शुरू हो जाने से मौसम बदलने लगा है। आने वाले दिनों में मौसम में तेजी से परिवर्तन के आसार हैं। इस बीच ठंडी पछुआ हवा चलने से भी मौसम का मिजाज बदला है। सूरज न निकलने से अधिकतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई और लोगों को जोरदार ठंड का अहसास हुआ।आर्द्रता बढ़ने के कारण लोगों को कड़ाके की ठंड का सामना करना पड़ रहा है। प्रखंड क्षेत्र में मौसम का मिजाज पूरी तरह से ठंडा हो चुका है। शनिवार फास्ट जनवारी के दीन लोगों को सूरज के दर्शन नहीं हुए। दिनभर घने कोहरे का दौर जारी रहा।अचानक शुरू शीत लहर के कारण लोगों को कड़ाके की ठंड से जूझना पड़ रहा है। इसका असर सिर्फ इंसान ही नहीं मवेशियों पर भी दिखा। वे भी ठंड के कारण दूबकने को मजबूर दिखे। दिन में भी लोग घरों में रुकने को मजबूर हो रहे।सोमवार की देर रात से शीत लहर ने लोगों को परेशान कर दिया है। ठंड के कारण बाजारों में आम दिनों की अपेक्षा कम भीड़ दिखी। इस बीच गर्म कपड़ों की दुकान मे ग्राहकों की भीड़भाड़ देखी जा सकती है ।अहले सुबह ठंडी हवाओं ने मौसम को और भी सर्द बना दिया। सर्दी के कारण लोग सुबह 9 बजे के बाद अपने-अपने घरों से निकले। कड़ाके की ठंड ने लोगों की दिनचर्या को पूरी तरह से बदल दिया है। सुबह देर से बाजार खुले और शाम को जल्दी बंद हो गए। सर्दी से बचने के लिए सुबह और शाम में लोगो को अलाव का सहारा लेते देखा गया। हालाँकि कुछ किसानों का कहना है कि ऐसा मौसम गेहूँ के फसल के लिये लाभदायक है।लोंगो का कहना है कि सर्दी से खांसी, जुकाम, बुखार हो रही है। सर्द हवाओं ने कनकनी का एहसास करा दिया।इस दौरान एक तरफ कोरो ना संक्रमण का भय तो दूसरे तरफ छोटे-छोटे बच्चों को स्कूल जाने में बेहद कठिनाई होती है। कड़ाके की ठंड से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। खासकर छोटे व मध्यम व्यवसायियों एवं गरीब तबके के लोगों के सामने कराके के ठंड के कारण रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है। ठंड व घने कोहरे के कारण सड़के भी वीरान नजर आ रही है। वही युवा और बच्चे भी कड़ाके की ठंड में अपने घरों से बाहर ना निकल कर अपने घरों में अलाव का सेवन करते हुए नजर आ रहे हैं । आम लोगों कि माने तो ऐसी शीतलहर मे जनप्रतिनिधियों एवं प्रशासन को हर चौक चौराहों पर अलाव की व्यवस्था करनी चाहिए ।