नालंदा - नालंदा हड्डी एवं रीढ़ सेंटर अस्पताल को मिला एनएबीएच की मान्यता

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भारत सरकार की गुणवत्ता परिषद के अंतर्गत राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड द्वारा  बिहारशरीफ बड़ी पहाड़ी एनएच स्थित नालंदा हड्डी एवं रीढ़ सेंटर अस्पताल को एनएबीएच की मान्यता मिल गई है। पूरे जिले का यह तीसरा अस्पताल है जिसे एनएबीएच का प्रमाण पत्र प्रदान किया गया है। उक्त बातों की जानकारी अस्पताल के संचालक डॉ कुमार अमरजीत नारायण ने प्रेस वार्ता के दौरान दी । उन्होनें कहा कि मरीजों के हित, सुरक्षा के साथ संस्थान के कर्मचारियों का शासकीय व बाहरी संस्थानों द्वारा निरंतर मूल्यांकन तथा कर्मचारियों को निरंतर प्रशिक्षण के कारण नालंदा हड्डी एवं रीढ़ सेंटर अस्पताल को यह प्रमाण पत्र मिला है। एनएबीएच अस्पतालों एवं स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के लिए एक भारतीय मान्यता है जो स्वास्थ्य संगठनों के लिए मान्यता स्थापित करने और संचालित करने के लिए स्थापित किया गया है।  

NABH से प्रमाणिकता अस्पतालों के स्टैंडर्ड को अपग्रेड करता है। इसी के तहत बिहारशरीफ के नालंदा हड्डी एवं रीढ़ सेंटर अस्पताल ने उन सभी मानकों को पूरा किया है जो NABH के एक्रीडिटेशन के लिए जरूरी हैं। नालंदा हड्डी एवं रीढ़ सेंटर अस्पताल जिले का पहला NABH से प्रमाणित अस्पताल बन गया है। हालांकि, राज्य में ऐसे कई निजी अस्पताल हैं जो NABH से प्रमाणित हैं  इस प्रमाणिकता के बाद अस्पताल में रोगियों को इसका लाभ मिलता है बेहतर चिकित्सा के साथ रोगियों को स्टैंडर्ड स्वास्थ्य सुविधाएं भी दी जाती हैं। 

राष्ट्रीय प्रत्ययन बोर्ड से ग्रेडेशन या प्रमाणिकता मिलने के बाद सबसे ज्यादा फायदे मरीजों को ही होते हैं, क्योंकि इससे न केवल चिकित्सीय गुणवत्ता बढ़ती है बल्कि मरीजों के अधिकारों का भी सम्मान होता है। रोगियों की संतुष्टि का मूल्यांकन होने के कारण अस्पताल में इस बात का स्टाफ की तरफ से भी खास ख्याल रखा जाता है। उधर इससे अस्पताल को भी फायदा होता है। अस्पताल की केटेगरी बेहतर सुविधाओं वाले अस्पतालों में हो पाती है। बेहतर अस्पतालों के चयन के तमाम मौकों पर इस प्रमाणिकता को आधार बनाया जाता है

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