मो० हमजा अस्थानवी
नालन्दा: प्रेगनेंसी किसी भी औरत की ज़िंदगी का सबसे ज़्यादा उतार-चढ़ाव भरा समय होता है। बच्चे के जन्म की खुशी तो होती ही है, लेकिन अपने शरीर में हो रहे बदलावों को लेकर मन में बहुत सी उलझनें भी होती हैं।
प्रेगनेंसी के साथ ही मन में एक उलझन डिलीवरी से जुड़ी भी होती है। अधिकतर महिलाएं नॉर्मल डिलीवरी ही चाहती हैं लेकिन बहुत सी महिलाएं जन्म देने के दर्द से बचने के लिए सीज़ेरियन का ऑप्शन चुनती हैं।एक स्टडी के हिसाब से करीब 85 प्रतिशत महिलाएं प्राकृतिक रूप से नॉर्मल डिलीवरी द्वारा जन्म दे पाती हैं। वहीं 15 प्रतिशत महिलाओं को किसी ना किसी कॉम्प्लिकेशन के चलते सीज़ेरियन का रास्ता चुनना पड़ता है।
प्राकृतिक रूप से बच्चे को जन्म देना सिर्फ आपके शरीर के लिए ही नहीं, आपके बच्चे के लिए भी फायदेमंद होता है। बिहारशरीफ के डॉ० हलीमा खान बताती हैं कि नॉर्मल डिलीवरी से जन्मे बच्चे अन्य की तुलना में डायबिटीज और दिल की बीमारियों से कम प्रभावित होते हैं।
अगर आप भी नॉर्मल डिलीवरी चाहती हैं तो ये आसान से टिप्स आपकी मदद कर सकते हैं। ध्यान रखिए ये बेसिक तरीके हैं और अपनी डॉक्टर से इन्हें ज़रूर डिस्कस करें।
1. ऐसी डॉक्टर चुनें जो नॉर्मल डिलीवरी करवाती हों
अपने परिवार के लोगों को इस बारे में साफ़-साफ़ बताएं कि आप नॉर्मल डिलीवरी ही चाहती हैं। इसके बाद प्रेगनेंसी की शुरुआत में ही ऐसी गाइनोकोलॉजिस्ट का चुनाव करें जो अधिकतर मामलों में नॉर्मल डिलीवरी ही करवाती हैं। आजकल बहुत से हॉस्पिटल अधिक पैसों के लालच में सीज़ेरियन की ज़रूरत ना होने पर भी उसी की सलाह देते हैं। इससे बचें और अच्छे मेडिकल प्रोफेशनल का चुनाव करें।
2. बेवजह हॉस्पिटल में भर्ती होने से बचें
कई बार प्रेगनेंसी के आखिरी महीने में महिला को लगता है कि वो लेबर में हैं। ऐसा महसूस होने पर उन्हें हॉस्पिटल में एडमिट किया जाता है। लेकिन कई बार ये एक फॉल्स अलार्म होता है। ऐसे में अगले लेबर के इंतज़ार में हॉस्पिटल में बेवजह इंतज़ार ना करें। घर लौटें और असली लेबर को खुद-ब-खुद आने दें।
3. हेल्दी डाइट लें
अच्छी और हेल्दी डाइट सिर्फ आपके शरीर के लिए ही नहीं, आपके होने वाले बच्चे के शरीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी ज़रूरी है। साथ ही डिलीवरी के लिए भी आपके शरीर को बहुत ताकत की ज़रूरत होती है। मज़बूत शरीर आपके लेबर को कम मुश्किल बना सकता है। इस दौरान खूब सारी हरी सब्ज़ियां खाइए। हरी सब्ज़ियां आयरन और फॉलिक एसिड का अच्छा स्रोत होती हैं। इससे डिलीवरी के बाद आप एनीमिया होने के खतरे से भी सुरक्षित होंगी।
4. नियमित रूप से एक्सरसाइज़ करें
इस वक्त ना सिर्फ़ आपको बेहतर स्टैमिना की ज़रूरत है, लेबर पेन से जूझने के लिए आपके शरीर का पेल्विक रीजन मज़बूत होना चाहिए। इसके लिए कीगल वर्कऑउट्स और रोजाना की सैर करना बहुत फायदेमंद होता है।
5. बच्चे को अपने आने का वक्त खुद चुनने दें
बच्चे के जन्म की एक तारीख आपके डॉक्टर ने आपको दी होगी। लेकिन कई बार बच्चे जन्म इससे पहले या कभी-कभी 1 हफ्ते तक आगे खिसक सकता है। ऐसे में इंतज़ार करें और बच्चे को खुद अपने आने की तारीख तय करने दीजिए। आर्टिफिशियल लेबर से बचें।
6. जन्म की डरावनी कहानियां सुनने से बचें
कई बार लोग आपके आस-पास अपनी डिलीवरी की डरावनी कहानियां सुनाते हैं। बहुत सी महिलाएं आपको अपने बेहोश होने या खून से लथपथ होने के किस्से भी हंस-हंसकर सुनाएंगी। ऐसे लोगों से दूर रहें। ऐसे लोग और ऐसी बातें आपको बेवजह डरा देंगी। काई बार हॉस्पिटल में प्रसव पीड़ा में गलत दवाय नर्स द्वार चलाय जाने से भी कॉम्प्लीकेशन बढ़ जाते हैं ऐसे में डॉक्टर से सलाह जरूर लें। और ऐसे हॉस्पिटल जिसमें डॉक्टर ना हो सिर्फ नर्स के द्वारा चलाया जाता हो तो ऐसे हॉस्पिटल में ना दिखाएं।
7. खूब सोएं
प्रेगनेंसी के आखिरी महीने में खूब सोना आपके और आपके बच्चे के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इससे आप और बच्चा दोनों शांत महसूस करते हैं। खुद को डिलीवरी के बारे में किसी भी तरह का स्ट्रेस लेने से बचाएं। सकारात्मक सोच रखें और अपना खूब ध्यान रखें।
आप स्वस्थ होंगी तो बच्चा स्वस्थ होगा। इसीलिए खुद के स्वास्थ्य से समझौता ना करें। प्रेगनेंसी से जुड़ी सलाह लेने के लिए हमसे संपर्क कर सकते हैं ।