नालंदा कॉलेज में राजनीति विज्ञान विभाग में छात्रों के बीच लोकतांत्रिक प्रक्रिया के व्यावहारिक पक्ष की जानकारी देने के लिए पोलिटिकल साइंस एसोसिएशन बनाया गया है। जिसमें चुनाव की सारी प्रक्रियाएँ अपनायी गई जिससे छात्रों में बेहतर चुनावी समझ विकसित हो सके। अध्यक्ष पद पर पीजी के पुलकित आनंद, उपाध्यक्ष पद पर बीए की अदिति एवं सांस्कृतिक सचिव पद पर रिया प्रियांशु ने जीत हासिल की। सचिव पद पर पीयूष राज, सह सचिव पर सतेंद्र कुमार एवं कोषाध्यक्ष पद पर मोनू निगम निर्विरोध रूप से निर्वाचित हुए। विभा कुमारी, विक्की कुमार एवं तन्नु कुमारी ने कार्यकारिणी में अपनी जगह बनायी। इस बारे में बताते हुए विभागाध्यक्ष डॉ बिनीत लाल ने कहा कि चुनाव कराने का उद्देश्य छात्रों के बीच में लोकतांत्रिक प्रक्रिया की समझ बढ़ाना है साथ ही उनमें नेतृत्व क्षमता विकसित हो सके यह भी जरुरी है। डॉ लाल ने कहा कि निर्वाचन आयोग की चुनाव में जो प्रक्रिया होती है वह सारा हमलोगों ने अपनाया है जैसे नामांकन पत्र भरना, प्रस्तावक एवं अनुमोदक का होना, नामांकन पत्र वापस लेने का विकल्प होना, चुनावी प्रचार करना एवं आख़िरी में चुनाव एवं मतगणना करना।
इस चुनाव में एक ख़ास बात यह थी कि हमलोगों ने उम्मीदवारों के बीच डिबेट रखा था जिससे छात्रों को अपने उम्मीदवार के विजन के बारे में जानकारी मिल सके। उम्मीदवार बनने के लिए भी क्लास में उपस्थिति और पिछली परीक्षा में मार्क्स को एक आधार बनाया गया था। इसमें छात्राओं के प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए उपाध्यक्ष एवं सांस्कृतिक सचिव पद को केवल उनके लिए आरक्षित रखा गया था। एसोसिएशन के कन्वेनर डॉ श्रवण कुमार ने सभी सदस्यों को बधाई देते हुए कहा कि चुनाव के प्रति छात्रों में उत्साह था इससे विभाग के छात्रों में जिम्मेवारी की भावना बढ़ेगी एवं विभाग कैसे बेहतर हो सकता है नये नये आइडियाज़ सामने आयेंगे। सह समन्वयक डॉ जगमोहन कुमार ने कहा कि इन प्रक्रियाओं से युवाओं में राजनीति के प्रति सकारात्मक सोच विकसित होगी एवं भविष्य में जिस क्षेत्र में भी वे जाएँगे कार्यकुशलता के साथ काम कर सकते हैं। एसोसिएशन के सदस्यों ने नतीजे के बाद प्राचार्य डॉ राम कृष्ण परम से भी मुलाक़ात की जिन्होंने उन्हें बेहतर काम करने की शुभकामनाएँ दी। मतगणना पदाधिकारी के रूप में डॉ राहुल कुमार ने मतों की गिनती की तो वहीं हिन्दी विभाग के डॉ प्रशांत कुमार, मनोविज्ञान विभाग के डॉ मृत्युंजय कुमार, इतिहास विभाग के डॉ मो इकबाल एवं भूगोल विभाग की डॉ प्रीति रानी ने ऑब्ज़र्वर की भूमिका निभाते हुए स्वच्छ एवं पारदर्शी चुनाव को सुनिश्चित किया।